पूनछ : प्रकृति की गोद में बसा स्वर्ग




पूनछ, जम्मू-कश्मीर के उत्तरी हिस्से में स्थित एक खूबसूरत पहाड़ी जिला है, जो अपनी लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए जाना जाता है। इस सुरम्य क्षेत्र की यात्रा करना प्रकृति और इतिहास के प्रेमियों के लिए एक सच्चा आनंद है।
पूनछ का इतिहास सदियों पुराना है, और इसने कई शासन देखे हैं, जिनमें मुगल, सिख और डोगरा शामिल हैं। प्रत्येक शासन ने क्षेत्र की वास्तुकला और संस्कृति पर अपनी छाप छोड़ी है, जिससे यह विरासत का एक अनूठा मिश्रण बन गया है।
प्राकृतिक सुंदरता की बात करें तो, पूनछ एक स्वर्ग है। ऊंचे पहाड़, हरे-भरे जंगल, और क्रिस्टल-क्लियर झीलें इस परिदृश्य को सुशोभित करती हैं। पीर पंजाल रेंज की चोटियाँ पूनछ की पृष्ठभूमि बनाती हैं, जो आश्चर्यजनक दृश्य प्रस्तुत करती हैं। झेलम नदी घाटी से होकर बहती है, जिससे हरियाली और उपजाऊ भूमि का एक ओएसिस बनता है।
पूनछ हाइकिंग, ट्रेकिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए एक आदर्श गंतव्य है। पीर पंजाल ट्रेक पूरे भारत के ट्रेकर्स को आकर्षित करता है, जो हिमालय के मनोरम दृश्यों का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं। सुंदरसर झील ट्राउट मछली पकड़ने और बोटिंग जैसी गतिविधियों के लिए लोकप्रिय है।
संस्कृति और परंपराओं के मामले में, पूनछ एक विविधतापूर्ण क्षेत्र है। स्थानीय लोग गोगजी महाराज की पूजा करते हैं, जो एक संत थे जो 9वीं शताब्दी में यहां रहते थे। उनका मंदिर जिले के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। पूनछ अपनी लोक कला और शिल्प के लिए भी प्रसिद्ध है, जिसमें लकड़ी की नक्काशी, कढ़ाई और पश्मीना बुनाई शामिल है।
खान-पान की बात करें तो, पूनछ के व्यंजन स्वादिष्ट और अनोखे हैं। नमकीन चाय, जिसे "नून चाय" कहा जाता है, एक स्थानीय विशेषता है, जो मसालों और नमक के मिश्रण के साथ परोसी जाती है। "आब गोश" एक मटन डिश है जिसे धीमी आंच पर पकाया जाता है और इसे चावल या रोटी के साथ खाया जाता है।
यदि आप एक ऐसे गंतव्य की तलाश में हैं जहां आप प्रकृति की सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और स्वादिष्ट भोजन का अनुभव कर सकें, तो पूनछ आपके लिए एक आदर्श स्थान है। यह यादगार अनुभवों और शानदार छुट्टियों से भरा इंतजार कर रहा है।