आया माता का महापर्व नवरात्रि, जानें क्या है इसका महत्व और पूजन की विधि




माँ दुर्गा का आगमन:
नवरात्रि का पावन पर्व माँ दुर्गा के आगमन का प्रतीक है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, और माँ दुर्गा की शक्ति और साहस की पूजा का अवसर है।
नवरात्रि की कहानी:
कहा जाता है कि महिषासुर नामक राक्षस ने एक बार देवताओं को पराजित कर लिया था। देवता माँ दुर्गा की शरण में गए, जिन्होंने महिषासुर का वध किया और स्वर्ग को बुराई से मुक्त किया।
माँ दुर्गा के रूप:
माँ दुर्गा के नौ रूप हैं, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। प्रत्येक देवी की पूजा नवरात्रि के नौ दिनों में की जाती है। इन नौ रूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं।
नवरात्रि पूजा विधि:
नवरात्रि पूजा एक पारंपरिक अनुष्ठान है। भक्त माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठते हैं और मंत्रों और भजनों का पाठ करते हैं। पूजा की थाली में दीया, फूल, फल और मिठाई भेंट की जाती है।
नवरात्रि का व्रत:
कुछ भक्त नवरात्रि के नौ दिनों में व्रत रखते हैं। व्रती केवल बिना नमक का सात्विक भोजन खाते हैं, जैसे फल, सब्जियां और दालें। व्रत का उद्देश्य शरीर और मन को शुद्ध करना है।
नवरात्रि के दौरान क्या करें और क्या न करें:
नवरात्रि के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। भक्तों को शराब, मांस और धूम्रपान से बचना चाहिए। उन्हें नकारात्मक विचारों और कार्यों से also बचना चाहिए। इसके बजाय, उन्हें दान करना चाहिए, जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए और सकारात्मक ऊर्जा फैलानी चाहिए।
नवरात्रि का महत्व:
नवरात्रि का त्यौहार माँ दुर्गा की शक्ति और साहस का जश्न मनाता है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, और हमें अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने और बाहरी चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देता है।
माँ दुर्गा के आशीर्वाद:
माँ दुर्गा को शक्ति, साहस और ज्ञान की देवी माना जाता है। जो भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में सफलता, खुशी और आध्यात्मिक विकास का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आपको भी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ!