क्या आप भी हैं नवरात्रि के भक्त? तो जानें इसका महत्व और धार्मिक कथा...




नवरात्रि, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल शरद ऋतु और वसंत ऋतु में मनाया जाता है। यह देवी दुर्गा की पूजा और महिषासुर पर उनकी जीत का उत्सव है। नवरात्रि शब्द का शाब्दिक अर्थ है "नौ रातें" और यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है, प्रत्येक दिन एक अलग देवी को समर्पित होता है।

  • पहला दिन: शैलपुत्री
  • दूसरा दिन: ब्रह्मचारिणी
  • तीसरा दिन: चंद्रघंटा
  • चौथा दिन: कूष्मांडा
  • पांचवां दिन: स्कंदमाता
  • छठा दिन: कात्यायनी
  • सातवां दिन: कालरात्रि
  • आठवां दिन: महागौरी
  • नौवां दिन: सिद्धिदात्री

नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास, मंत्र का जाप और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नौ दिनों के दौरान देवी दुर्गा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उनकी बुराइयों को दूर करती हैं।


नवरात्रि की पौराणिक कथा


पौराणिक कथाओं के अनुसार, नवरात्रि की शुरुआत महिषासुर नामक एक राक्षस से हुई थी। महिषासुर एक शक्तिशाली राक्षस था जिसने स्वर्ग और पृथ्वी पर कब्ज़ा कर लिया था। उसने देवताओं को स्वर्ग से भगा दिया और मनुष्यों पर अत्याचार किया।

देवता महिषासुर की बुराइयों से बहुत चिंतित हो गए और उन्होंने देवी दुर्गा से मदद की गुहार लगाई। देवी दुर्गा ने देवताओं के अनुरोध को स्वीकार किया और महिषासुर का सामना करने के लिए भयंकर रूप धारण किया।

नौ दिनों तक देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ। अंत में, देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया और देवताओं और मनुष्यों को राक्षस के अत्याचार से मुक्त किया।


नवरात्रि का महत्व


नवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जिसका हिंदू धर्म में गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है और यह भक्तों को अपने अंदर की बुराइयों को दूर करने और देवी दुर्गा के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रेरित करती है।

नवरात्रि का त्योहार आध्यात्मिक विकास और आत्मनिरीक्षण का भी समय है। भक्त इन नौ दिनों में उपवास, पूजा और ध्यान करते हैं ताकि अपने दिमाग और शरीर को शुद्ध कर सकें और देवी दुर्गा के करीब आ सकें।


कॉल टू एक्शन


अगर आप भी नवरात्रि के भक्त हैं, तो इन नौ दिनों में देवी दुर्गा की पूजा जरूर करें और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए उपवास, पूजा और मंत्र का जाप करें। नवरात्रि का पावन अवसर आध्यात्मिक विकास और आत्मनिरीक्षण का है। तो इस अवसर का लाभ उठाएं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।