LK आडवाणी: भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष




प्रस्तावना:
भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एलके आडवाणी, एक ऐसे नाम का पर्याय है जो अनुभव, दूरदृष्टि और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है। भारतीय जनता पार्टी के एक वयोवृद्ध नेता, आडवाणी ने हमारी राष्ट्रीय यात्रा को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रारंभिक जीवन और कैरियर:
1927 में कराची, पाकिस्तान में जन्मे, आडवाणी ने कानून में डिग्री हासिल की। वह 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल होकर राजनीति में आए। एक कुशल वक्ता और कुशल संगठनकर्ता, आडवाणी ने जल्द ही पार्टी के भीतर अपनी पहचान बना ली।
राष्ट्रीय राजनीति में वृद्धि:
आडवाणी ने 1970 में लोकसभा में प्रवेश किया। उन्होंने 1980 के दशक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राम मंदिर आंदोलन में उनकी अग्रणी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में स्थापित किया।
उप प्रधान मंत्री के रूप में:
1998 में, भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में आडवाणी उप प्रधान मंत्री बने। उन्होंने गृह मामलों, सूचना प्रसारण और सूचना प्रसारण जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार संभाला।
'भारत उदय' अभियान:
आडवाणी को राजनीतिक उत्साह के लिए जाना जाता है। 1990 के दशक के अंत में, उन्होंने 'भारत उदय' अभियान शुरू किया, जो भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से एक देशव्यापी यात्रा थी।
संसदीय विजय:
आडवाणी ने 1998 से 2004 तक और 2014 से 2019 तक दो बार भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में कार्य किया। उनकी शक्तिशाली वक्तृता कौशल और तेज दिमाग ने उन्हें संसद में एक प्रभावशाली व्यक्ति बना दिया।
राज्यसभा यात्रा:
2020 में, आडवाणी ने लोकसभा से सेवानिवृत्त होने के बाद राज्यसभा में प्रवेश किया। 94 वर्ष की आयु में, वह उच्च सदन में सबसे वरिष्ठ सदस्य बने।
विरासत:
एलके आडवाणी की विरासत भारतीय राजनीति में उनकी आजीवन सेवा और राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता में निहित है। वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को एक प्रमुख राजनीतिक ताकत में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निष्कर्ष:
एलके आडवाणी भारतीय लोकतंत्र के एक प्रतीक हैं। उनके अनुभव, दूरदृष्टि और निस्वार्थ सेवा ने हमारी राष्ट्रीय यात्रा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय राजनीति में उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक प्रासंगिक और प्रेरणादायक बनी रहेगी।