सीपीआर यामिनी अय्यर: भारत की आर्थिक उदारीकरण की अग्रणी




"हमारे देश को एक ऐसे आर्थिक वातावरण की ज़रूरत है जहाँ हर कोई तरक्की कर सके और अपनी क्षमता का एहसास कर सके।"
यामिनी अय्यर, Центр नीति अनुसंधान के अध्यक्ष और भारत में आर्थिक उदारीकरण की एक प्रमुख प्रस्तावक, ने वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था को आकार दिया है। उनकी अंतर्दृष्टि और अथक प्रयासों ने हमारे देश के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया है।
उदारीकरण की ताकत
1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण से पहले, हमारी अर्थव्यवस्था लालफीताशाही और संरक्षणवाद से जकड़ी हुई थी। यामिनी का मानना है कि उदारीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा और नवोन्मेष को बढ़ावा मिला, जिससे देश में आर्थिक वृद्धि में तेजी आई।
उदाहरण के लिए, उदारीकरण के बाद दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला। परिणामस्वरूप, मोबाइल फोन की कीमतों में गिरावट आई और ग्रामीण क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी बढ़ी। इसने न केवल लोगों के जीवन को आसान बनाया, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए।

समावेशी विकास
यामिनी का मानना है कि आर्थिक विकास केवल आर्थिक आंकड़ों तक सीमित नहीं होना चाहिए। यह सभी भारतीयों के लिए एक बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने के बारे में है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या आय स्तर कुछ भी हो।

उन्होंने कहा, "हमारे देश को एक ऐसे आर्थिक वातावरण की ज़रूरत है जहाँ हर कोई तरक्की कर सके और अपनी क्षमता का एहसास कर सके।"
उदारीकरण के बाद के वर्षों में, भारत ने गरीबी में कमी और साक्षरता में वृद्धि देखी है। हालाँकि, अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है, और यामिनी समानता और समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर
भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार विकसित हो रही है, और यामिनी का मानना है कि भविष्य रोमांचक चुनौतियों और अवसरों से भरा है।
    • उदाहरण के लिए, भारत के पास एक युवा और तकनीकी रूप से जानकार आबादी है। यह जनसांख्यिकीय लाभ का उपयोग रोजगार पैदा करने और अभिनव उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।
  • हालाँकि, यामिनी इस तथ्य से भी अवगत है कि भारत को गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका मानना है कि इन मुद्दों का समाधान करने के लिए सरकार, उद्योग और नागरिक समाज को मिलकर काम करना होगा।

    निष्कर्ष

    यामिनी अय्यर का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव गहरा और स्थायी रहा है। उनके साहसिक नेतृत्व और दूरदर्शी दृष्टिकोण ने भारत को आर्थिक समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ाया है। जैसा कि हम भविष्य की चुनौतियों और अवसरों का सामना करते हैं, हमें यामिनी के उदारवादी मूल्यों और समावेशी विकास के लिए उनकी प्रतिबद्धता से प्रेरणा लेनी चाहिए।