सुनिता केजरीवाल: दिल्ली की प्रथम महिला, जिन्हें 'मुख्यमंत्री की पत्नी' कहकर नहीं जाना चाहिए




नमस्कार साथियों,
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल एक बेहद दिलचस्प और प्रेरक व्यक्तित्व हैं। वह एक ऐसी महिला हैं जो हमेशा लाइमलाइट से दूर रहीं, लेकिन अपने काम और सामाजिक पहल के लिए जानी जाती हैं।
सुनिता के बारे में कुछ रोचक बातें:
* सुनीता का जन्म 1966 में हरियाणा के सोनीपत में हुआ था।
* उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की है और एक सफल व्यवसायी रही हैं।
* उन्होंने अरविंद केजरीवाल से 1988 में शादी की थी।
* उनके दो बच्चे हैं - बेटी हर्षिता और बेटा पुलकित।
* सुनीता एक बेहद निजी व्यक्ति हैं और उन्हें पब्लिक अपीयरेंस पसंद नहीं है।
दिल्ली की प्रथम महिला के रूप में भूमिका:
मुख्यमंत्री की पत्नी के रूप में, सुनीता कई सामाजिक और परोपकारी पहलों में शामिल रही हैं। वह विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए काम करती हैं।
* उन्होंने दिल्ली में महिलाओं के लिए कई आत्मरक्षा कक्षाएं शुरू कीं।
* वह "बाल जीवन ज्योति" कार्यक्रम की संरक्षक हैं, जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त इलाज प्रदान करता है।
* उन्होंने दिल्ली में कई वृद्धाश्रमों का भी दौरा किया और वहां रहने वालों की जरूरतों को पूरा किया।
एक सफल व्यवसायी:
सुनिता केजरीवाल एक सफल व्यवसायी भी रही हैं। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर एक फैशन बुटीक चलाया। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के गैर-लाभकारी संगठन, परीवर्तन के लिए पब्लिक कॉज ट्रस्ट (पीसीटी) के प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निजी जीवन:
सुनिता केजरीवाल अपने निजी जीवन में बहुत निजी हैं। वह एक ग्राउंडेड और विनम्र व्यक्ति के रूप में जानी जाती हैं। वह अपने परिवार से बहुत जुड़ी हुई हैं और अक्सर अपने बच्चों के साथ समय बिताती हुई देखी जाती हैं।

सुनिता केजरीवाल की विरासत:

सुनिता केजरीवाल एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने हमेशा अपने काम और सामाजिक पहलों के लिए पहचान बनाई है। वह एक ऐसी प्रथम महिला हैं जिनके बारे में "मुख्यमंत्री की पत्नी" कहकर नहीं जाना जाना चाहिए, बल्कि उनके अपने अधिकारों और योगदान के लिए जाना जाना चाहिए।

एक प्रेरक संदेश:

सुनिता केजरीवाल की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि सच्ची सफलता लाइमलाइट में रहने से नहीं, बल्कि हमारे कार्यों और दूसरों के जीवन पर उनके प्रभाव से तय होती है। वह हमें सिखाती हैं कि हमेशा विनम्र रहना चाहिए, अपने मूल्यों पर कायम रहना चाहिए और उन लोगों के लिए काम करना चाहिए जो मदद की जरूरत है।
इसलिए, आइए हम सभी सुनीता केजरीवाल और उनके द्वारा किए गए असाधारण काम को सलाम करें। वह एक प्रेरणा हैं और हमें याद दिलाती हैं कि असली ताकत अंदर से आती है।