राम नवमी : राम जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला त्योहार




हिंदू धर्म की कई मान्यताओं में से एक "राम नवमी" है. यह त्योहार भगवान राम के जन्मदिन का प्रतीक है. इस दिन भगवान राम के भक्त घरों को सजाते हैं, मंदिरों में पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं.

राम नवमी का उत्सव भारत के सभी भागों में मनाया जाता है. इस त्योहार की विशिष्टता यह है कि यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 31 मार्च, 2023 को पड़ रहा है.

राम जन्म की कथा

हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के घर में हुआ था. उनके पिता दशरथ एक धर्मात्मा राजा थे और उनकी तीन रानियां थीं - कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी. कौशल्या से राम का जन्म हुआ था जबकि भरत का जन्म कैकेयी से हुआ था. लक्ष्मण और शत्रुघ्न सुमित्रा के पुत्र थे.

रावण नामक एक असुर था जो बहुत शक्तिशाली था. उसने कई देवताओं और मनुष्यों को परेशान किया था. भगवान विष्णु ने रावण को मारने के लिए राम अवतार लिया था. राम ने 14 साल वनवास में बिताए और फिर रावण से युद्ध किया. अंततः राम ने रावण को मार डाला और सीता को उसके चंगुल से मुक्त कराया.

राम नवमी पर क्या करें

* घरों को सजाएं: राम नवमी के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं. वे रंगोली बनाते हैं, फूलों से घर को सजाते हैं और दीये जलाते हैं.
* मंदिरों में पूजा करें: इस दिन लोग मंदिरों में जाकर भगवान राम की पूजा करते हैं. वे भगवान राम की प्रतिमा को स्नान कराते हैं, उन्हें वस्त्र पहनाते हैं और उन्हें भोग लगाते हैं.
* उपवास रखें: कई लोग राम नवमी के दिन उपवास रखते हैं. वे केवल फल और दूध का सेवन करते हैं.
* रामायण का पाठ करें: इस दिन लोग रामायण का पाठ करते हैं या सुनते हैं. रामायण भगवान राम की कथा है.
* भजन-कीर्तन करें: लोग राम नवमी के दिन भजन-कीर्तन करते हैं. वे भगवान राम की स्तुति में भजन गाते हैं.

राम नवमी का महत्व

राम नवमी का त्योहार कई मायनों में महत्वपूर्ण है. यह भगवान राम के जन्मदिन का प्रतीक है जो एक आदर्श व्यक्ति थे. राम अपने धर्मनिष्ठा, साहस और करुणा के लिए जाने जाते थे.

राम नवमी का त्योहार लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है. यह हमें याद दिलाता है कि सच्चाई हमेशा झूठ पर विजय प्राप्त करती है. राम नवमी का त्योहार हमें धर्म, कर्तव्य और सदाचार के महत्व की याद दिलाता है.