बदायूं




बदायूं, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आकर्षक विरासत के लिए जाना जाता है। यह अलीगढ़ से लगभग 70 किलोमीटर उत्तर में स्थित है और गंगा नदी के तट पर बसा है।
बदायूं का इतिहास 12वीं शताब्दी ईसा पूर्व का है, जब इसका नाम वेदबती था। बाद में, इसे बदायूं के नाम से जाना गया, जिसका अर्थ है "पूर्वी द्वार"। यह शहर कई शासकों के अधीन रहा है, जिनमें मौर्य, कुषाण, गुप्त, पाल और राजपूत शामिल हैं।
14वीं शताब्दी में, बदायूं दिल्ली सल्तनत का एक प्रमुख केंद्र बन गया था। अलाउद्दीन खिलजी ने शहर को अपनी राजधानी बनाया और इसे एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित किया। मुगल काल के दौरान, बदायूं और अधिक समृद्ध हुआ और इसे "हिंदुस्तान का उद्यान" कहा जाने लगा।
बदायूं विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का एक संगम है। शहर में कई मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे हैं, जो इसकी विविध आस्थाओं का प्रमाण हैं। बदायूं अपनी पारंपरिक कला और शिल्प के लिए भी जाना जाता है, जिसमें वुडक्राफ्ट, टेराकोटा और ज्वेलरी शामिल हैं।
बदायूं घूमने के लिए एक आकर्षक जगह है। शहर के कुछ प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में शामिल हैं:
* उदयराज का मंदिर: यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसे 11वीं शताब्दी में बनाया गया था।
* बुद्धिस्ता मठ: यह एक 12वीं शताब्दी का मठ है, जिसमें बुद्ध की एक बड़ी प्रतिमा है।
* जुम्मा मस्जिद: यह दिल्ली सल्तनत काल की एक सुंदर मस्जिद है।
* अलाउद्दीन का किला: यह अलाउद्दीन खिलजी द्वारा निर्मित एक प्रभावशाली किला है।
* गुरुद्वारा नाभा साहिब: यह एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है, जहां सिख गुरुओं में से एक ने प्रचार किया था।
बदायूं खरीदारी और भोजन का भी एक बेहतरीन स्थान है। शहर में कई बाज़ार और खरीदारी केंद्र हैं, जहां आप पारंपरिक शिल्प, कपड़े और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं। बदायूं अपने स्वादिष्ट भोजन के लिए भी जाना जाता है, जिसमें कबाब, बिरयानी और स्वीट्स शामिल हैं।
यदि आप उत्तर भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो बदायूं आपके लिए घूमने के लिए एक आदर्श स्थान है। यह एक ऐसा शहर है जो अपने अतीत और वर्तमान दोनों से आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।