सीता नवमी 2024: माँ सीता की पूजा और व्रत का महापर्व




हिंदू धर्म में सीता नवमी का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष सीता नवमी 2 अप्रैल, 2024 को पड़ रही है। यह दिन माँ सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन त्रेता युग में मिथिला नरेश महाराज जनक के खेत में माँ सीता की उत्पत्ति हुई थी।

माँ सीता भगवान राम की पत्नी थीं और उन्हें आदर्श नारी और पतिव्रता धर्म का प्रतीक माना जाता है। सीता नवमी के दिन उनकी पूजा और व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है।

सीता नवमी पूजा विधि
  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान की साफ-सफाई करें और माँ सीता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • माँ सीता को रोली, चंदन, अक्षत और फूल अर्पित करें।
  • घी का दीपक जलाएँ और धूप जलाएँ।
  • माँ सीता की आरती उतारें और उनकी कथा सुनें।
  • इस दिन तुलसी की भी पूजा करें और उनकी परिक्रमा करें।
सीता नवमी व्रत

सीता नवमी के दिन व्रत रखने से अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस व्रत को रखने की विधि इस प्रकार है:

  • व्रत के दिन प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
  • पूरे दिन केवल एक समय फलाहार करें।
  • व्रत के दौरान किसी भी प्रकार का अनाज न खाएँ।
  • शाम को व्रत कथा सुनें और माँ सीता की आरती करें।
  • अगले दिन सुबह स्नान करके व्रत का पारण करें।

मान्यता है कि सीता नवमी के दिन व्रत रखने और माँ सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, इस व्रत को रखने से रोग, शोक और दुखों से मुक्ति मिलती है।

सीता नवमी का महत्व

सीता नवमी का पर्व भगवान राम और माँ सीता के अटूट प्रेम का प्रतीक है। यह पर्व हमें त्याग, समर्पण और पतिव्रता धर्म का महत्व सिखाता है। सीता नवमी के दिन माँ सीता की पूजा करने से उनके गुणों को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा मिलती है।

इस पर्व से जुड़ी एक कथा के अनुसार, एक बार भगवान राम ने माता सीता से पूछा कि उन्हें सबसे अधिक प्रिय क्या है? तब माता सीता ने कहा, "हे प्रभु, मुझे आपसे भी अधिक प्रिय आपकी भक्ति है।" इस कथन से पता चलता है कि माँ सीता के लिए भगवान राम से भी अधिक महत्वपूर्ण उनकी भक्ति थी।

सीता नवमी का पर्व हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में कठिनाइयाँ और बाधाएँ आती हैं, लेकिन धैर्य और संयम से उनका सामना करना चाहिए। माँ सीता ने अपने जीवन में अनेक कष्ट सहे, लेकिन उन्होंने कभी अपना साहस नहीं खोया। उनका जीवन हमारे लिए एक प्रेरणा है कि जीवन की विपरीत परिस्थितियों में भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए।

सीता नवमी की शुभकामनाएँ

आप सभी को सीता नवमी 2024 की हार्दिक शुभकामनाएँ। इस पावन पर्व पर आप सभी की मनोकामनाएँ पूर्ण हों और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का वास हो।