क्या आप भारत के चुनाव आयुक्त से जुड़े रोचक तथ्य जानते हैं?
भारत का चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और संवैधानिक निकाय है जो भारत में चुनावों के संचालन का प्रभारी है। चुनाव आयुक्त देश का सर्वोच्च चुनाव अधिकारी होता है और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
चुनाव आयुक्त के कुछ रोचक तथ्य यहां दिए गए हैं:
- पहला चुनाव आयुक्त: भारत का पहला चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन था, जिन्हें 21 मार्च, 1950 को नियुक्त किया गया था।
- वर्तमान चुनाव आयुक्त: भारत के वर्तमान चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं, जिन्हें 15 मई, 2022 को नियुक्त किया गया था।
- कार्यकाल: चुनाव आयुक्त का कार्यकाल छह वर्ष का होता है या जब तक वह 65 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाता है, जो भी पहले हो।
- योग्यता: चुनाव आयुक्त बनने के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए और संविधान के कार्य करने के लिए साबित योग्यता होनी चाहिए। वह सर्वोच्च न्यायालय या किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या भारत का महालेखाकार रहा होगा।
- अयोग्यता: चुनाव आयुक्त के रूप में कार्य करने से अयोग्य होने के लिए कुछ शर्तें हैं, जैसे कि किसी राजनीतिक दल का सदस्य होना, किसी राजनीतिक या सार्वजनिक पद पर रहना, या किसी भी तरह का कोई ऐसा कृत्य करना जिससे उसकी निष्पक्षता या निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
- स्वतंत्रता: चुनाव आयुक्त पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष होता है और बिना किसी बाहरी दबाव या प्रभाव के अपना कर्तव्य निभाता है।
- जवाबदेही: चुनाव आयुक्त संसद के प्रति जवाबदेह होता है और संसद से हटाया जा सकता है।
भारत का चुनाव आयोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित किए जाएं, और चुनाव परिणाम लोगों की इच्छा को प्रतिबिंबित करें।
यदि आप भारत में चुनाव प्रक्रिया के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं, तो आप चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं: www.eci.gov.in